मोदी केयर: दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना का शुभारंभ आज
सेहतराग टीम
खास बातें
- 10.71 करोड़ परिवार आएंगे दायरे में
- 50 करोड़ से अधिक लोगों को बिना पैसा दिए अस्पतालों में इलाज मिलेगा
- शुरुआत में इस योजना के तहत 2.65 लाख बेड आरक्षित होंगे
- योजना के खर्च का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेंगे
- देश के 26 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो रही है योजना
- पांच राज्यों, केरल, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और जम्मू - कश्मीर में यह योजना लागू नहीं
- योजना के तहत 1350 तरह का उपचार मिलेगा
- इलाज के बाद बीमित व्यक्ति को अस्पताल आने जाने का खर्च भी मिलेगा
अगले साल यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर नजर टिकाए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना को आज से हरी झंडी दिखाने जा रही है। इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिलेगा। भारत जैसे देश में जहां गरीबी के कारण आम लोग बीमारी से सबसे अधिक डरते हैं वहां नरेंद्र मोदी सरकार की यह योजना चुनावी गेमचेंजर भी साबित हो सकती है। हालांकि इस योजना का क्रियान्वयन किस तरह से होगा यह देखने वाली बात होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड की राजधानी रांची में 11.30 बजे पूर्वाह्न प्रभात तारा मैदान में योजना का शुभारंभ करेंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की बीमा कवरेज प्रदान करना है। इससे 10.74 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं। वैसे इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान कर दिया गया है।
यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। इससे अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च में कमी आएगी जो गरीबों को और गरीब बना देता है। इससे भयंकर स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान उत्पन्न वित्तीय जोखिम कम होगा। पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आएंगी। नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 करोड़ परिवार हैं। योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
एसईसीसी के डाटाबेस में वंचना के आधार पर पात्रता तय की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में वंचना की श्रेणियों (डी1,डी2,डी3,डी4,डी5, डी6 और डी7) के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की गयी है। शहरी क्षेत्रों में 11 पेशवेर मापदंड पात्रता तय करेंगे। इसके अलावा जिन राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना है, उसके लाभार्थी भी इस नयी योजना के अंतर्गत आएंगे।
इस योजना के मुख्य शिल्पी नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री 23 सितंबर को इस योजना का शुभारंभ करेंगे लेकिन यह प्रभावी तौर पर 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लागू होगी।’
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